बिनावर पुलिस का कारनामा: मुख्य चोर को नहीं पकड़ सकी पुलिस, निर्दोष युवक पर ठोक दिया इल्जाम, भेजा जेल

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बिनावर पुलिस का कारनामा: मुख्य चोर को नहीं पकड़ सकी पुलिस, निर्दोष युवक पर ठोक दिया इल्जाम, भेजा जेल

Sunday, 2 November 2025 | November 02, 2025 Last Updated 2025-11-02T07:37:23Z
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बिनावर पुलिस का कारनामा: मुख्य चोर को नहीं पकड़ सकी पुलिस, निर्दोष युवक पर ठोक दिया इल्जाम, भेजा जेल*
बिनावर से तारिक गाजी  की रिपोर्ट
*पीड़ित सपा नेता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की*

 बदायूं:  थाना बिनावर पुलिस का एक और चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। पुलिस जिस असली चोर को पकड़ नहीं सकी, उसके बजाय एक निर्दोष युवक को फंसाकर जेल भेज दिया गया। मामला जनपद बदायूं के थाना बिनावर क्षेत्र के ग्राम बगुली नगर का है, जहां समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला सचिव मोद प्रकाश पाल के घर पर 19 अक्टूबर की रात दो अज्ञात चोरों ने खिड़की की ग्रिल काटकर चोरी की घटना को अंजाम दिया था।

घटना के बाद पुलिस ने फजर अली पुत्र सरफराज निवासी ग्राम गभयाई थाना अलापुर को पकड़कर इस चोरी का आरोपी बना दिया। जब पुलिस ने सपा नेता मोद प्रकाश पाल को थाने बुलाकर चोर की पहचान कराई, तो उन्होंने पकड़े गए आरोपी से बात की। पूछताछ में आरोपी फजर अली ने सपा नेता को बताया कि उसने 19 अक्टूबर की रात बिनावर क्षेत्र में कोई चोरी नहीं की थी। उसने बताया कि उस रात वह बदायूं खेड़ा नवादा स्थित मेडिकल स्टोर पर चोरी कर दिल्ली भाग गया था। फजर ने यह भी कहा कि यदि पुलिस चाहे तो उसके मोबाइल की लोकेशन चेक करवा सकती है, जिससे सच्चाई सामने आ जाएगी।

सपा नेता मोद प्रकाश पाल ने बताया कि पुलिस द्वारा बरामद किए गए जेवर उनके नहीं हैं। बिनावर पुलिस मुख्य चोर को पकड़ने में नाकाम रही और अपने रिकॉर्ड सुधारने के लिए निर्दोष फजर पर चोरी का इल्जाम थोप दिया।

इस मामले को लेकर सपा नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि वह आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बृजेश सिंह से मिलकर इस मामले में जांच की मांग करेंगे।

गौरतलब है कि जब भी मीडिया कर्मी थाना बिनावर के प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह से किसी भी मामले की जानकारी लेना चाहते हैं, तो उनका जवाब होता है — “मैं दरोगा हूं, दरोगा कभी वर्जन नहीं देता।”

➡️ अब देखना यह होगा कि क्या बिनावर पुलिस की इस लापरवाही पर कोई कार्रवाई होती है या फिर निर्दोष फजर को इसी तरह जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा।